मंगलवार, 25 मार्च 2014

kavita---dosrak dekhauns

       "दोसरक देखाउंस "


दोसरक जँका बने चललौं
भंगइठ (बिगैर )  गेल जिनगीक सुर-ताल,
निके छलौं अपने जँका
सुखमय छल संसार।


चाल अपन जँ छोड़ब
जँ पकड़ब दोसरक राह ,
 मंजील त नहिये भेटत
भ जाएत जिनगी तबाह।

प्रकृति मौलिक थिक
प्रकृतिक सभ वस्तुक  मौलिकता ,
तहिना मन्नुखक जिनगी सेहो
सभके अपन विशिष्ठ्ता।


    :गणेश कुमार झा "बावरा "
     गुवाहाटी 

रविवार, 23 मार्च 2014

hakar

                   हकार !! हकार !! हकार !!      
 पूर्वोत्तर मैथिली साहित्य संगोष्ठी , गुवाहाटी  
अपन मासीक कार्यक्रम के तहत जुइर शीतल पाबैन के मौका पर
                                     १३-०४-२०१४ के 
                                "साहित्य -सम्मेलन "
                                 के आयोजन क रहल अछि..... 
     समय : २ बजे सॅ 
  स्थान : बद्रीदास स्कूल , कुमारपारा , गुवाहाटी 
 पूर्वोत्तर में रहनिहार मैथिल  रचनाकार आ साहित्यप्रेमी जन सँ आग्रह जे ओ सभ अपन रचना संग एहि सम्मेलन में उपस्थित होइथ।
सम्पर्क : 9864406875 , 9864126176 , 9864065553 

शुक्रवार, 21 मार्च 2014

मिथिला राज्य आंदोलन के समर्थक नेता सभ के भारी मत स विजय बना लोकसभा में भेजू मिथिलावशी, ताकी ओ सभ लोकसभा में एकजुट भ मिथिला राज्य लेल जोर सोर स अवाज उठा सकैथ, चाहे ओ कोनो पार्टी के नेता होइथ....
जय मिथिला, जय मिथिला राज्य आंदोलन , जय मिरानीसे

सोमवार, 17 मार्च 2014

पूर्वोत्तर मैथिली साहित्य संगोष्ठी  अपन पहिल कवि-सम्मेलन दिनांक १६-०३-२०१४ के बद्रीदास स्कूल में संध्या ३ स ५ आयोजीत केलक। एहि में लगभग ६० स ऊपर श्रोतागण उपस्थित छलाह। ५ टा कवि अपन कविता स कवी सम्मलेन के शोभा बढ़ेला। हर तरहक कविताक पाठ भेल।
श्रोतागण आनंदित भेला आ संगोष्ठीक कार्य के सराहना केला।
सम्मलेन के अध्यक्षता श्री कमलकांत जी केलैन।
सम्मलेन आ संगोष्ठीक आवश्यकता आ एकर आगुक उद्देश्य पर विस्तृत चर्च पूर्वोत्तर में मैथिली लेल सतत कार्य केनिहार श्री सत्यानन्द पाठक जी केलैन।
कवि -सम्मलेन के शुरुआत गणेश जीक कविता स भेल :
"फागुन "
फागुन बसंत लेलै
जीवन में उमंग एलै
नब-नब सृजन सृष्टि में भेलै !!
चारु दिश पसरल हरियरी
गन्ध पुष्पक अति मनमोहक
स्नेह रस में डूबल हृदय-मन
फागुन..............एलै !!
मौसुआएल छल मन हमर
माघक पतझड़ जेना...
लगिते बसात बसंत केँ
फुला गेलौं गुलाबक फूल जेना
फागुन . . .......... एलै !!
जिनगीक सच सेहो एहने
जेहन मौसमक रीति
आश नहि छोड़ी कखनो
चाहे हुआ कतबो समय विपरीत
कहैथ गणेश सुनू भाई श्रोता
फागुन बसंत दैथ याह संदेश
फागुन .. ………… एलै !!
आ एहि के बाद संतोष जी , ललित जी , सत्यनारायण जी आ पवन जी के एक स एक कविता स सम्मलेन आगू बढ़ैत गेल। 

रविवार, 16 मार्च 2014

Fagun

"फागुन "
फागुन बसंत लेलै
जीवन में उमंग एलै
नब-नब सृजन सृष्टि में भेलै !!
चारु दिश पसरल हरियरी
गन्ध पुष्पक अति मनमोहक
स्नेह रस में डूबल हृदय-मन
फागुन..............एलै !!
मौसुआएल छल मन हमर
माघक पतझड़ जेना
लगिते बसात बसंत  केँ
फुला गेलौं गुलाबक फूल जेना
फागुन . . .......... एलै  !!
जिनगीक सच सेहो एहने
जेहन मौसमक रीति
आश नहि छोड़ी कखनो
चाहे हुआ कतबो समय विपरीत
कहैथ गणेश सुनू भाई श्रोता
फागुन  बसंत दैथ याह संदेश
फागुन .. ………… एलै !!

बुधवार, 12 मार्च 2014

Kavita-HUNKAR

       "हुँकार "


कहि दियौ जा क '
पटना -दिल्ली केँ शासक सँ
आबि रहल अछि मिथिलावाशी
लेब' अपन अधिकार अपन स्वराज !


कहि दियौ जा क '
शांत हृदय उद्वेलित भ' रहल अछि
श्रृंगार -भक्ति गीत गाबे वाला हृदय
आब क्रान्तिक गीत गाइब रहल अछि !


कहि दियौ जा क'
आब नहि देबै अग्नि-परीक्षा
आब नहि धरति धरती सीता
विरोधक स्वर उठि रहल अछि
सम्हरि जाउथ देथु मिथीला
नहि त' मिथिलावाशी उखाइर्  फेँकत सत्ता !!!!!!
        :गणेश कुमार झा "बावरा"

बुधवार, 5 मार्च 2014

nukkar

नुक्कर नाटक : "मिथिला राज्य "
पात्र : १. सुरेन्द्र २ बिल्टू ३ बेचन


(बिल्टू आ सुरेन्द्र गामक चाय दुकान पर चाय पिबैत, ओम्हर स बेचन अबैया  )
बेचन :(बिल्टू आ सुरेन्द्र के )--गोड़ लागै छिओ काका !!
बिल्टू आ सुरेन्द्र : खूब खुश रह !! की हाल चाल  हौ ???
बेचन: बड्ड निक हई काका ! एक खबर बड्ड निक हई !!
बिल्टू: ...की ?
सुरेन्द्र : बाजे न !! की सरकार कोनो रिलीफ फण्ड देतै ??
बेचन : नै हो काका! मिथिला राज्य बनते  मिथिला राज्य --अपन स्वराज !!!
बिल्टू: से तोरा के कहि देलकौ ! कतेको दिन सॅ हमहुँ सभ सुनै छी , मुदा , ई सभ बकवाश हई !!!!
सुरेन्द्र : हाँ. हाँ ई सभ झूठे के हल्ला क दैत हई आ चुप भ जाइत हई
बिल्टू: आ की  हेतई मिथिला राज्य ल क ??? की नाम बदल गेला सॅ भाग्य बदल जेतै ???
सुरेन्द्र : की मिथिला क्षेत्र के दरिद्रता दूर हेतै ??
बेचन: हाँ  हाँ काका !! सभ होतै...जखनी मिथिला राज्य बनते त अपन स्वराज होतै ...अपन पहिचान होतै ...अपन क्षेत्र के अपना हिसाबे बिकाश होतै ..आ आब ई झूठ के सपना न हई !!! ई सच होतै !!!! आ बिल्टू काका ! आई हमरा सभ बिहारी के नाम ल जिबै छी आ ऐ कारण हमरा सभ के सभ जगह बेइज्जती होबे पड़ै हबे ...मुदा ज दोसर जगह के लोक के कही जे हम ओइ मिथिला के संतान छी जाहि धरती पर सीया सन धिया जन्म लेली आ राम पाहुन बनलइन त लोक आदर आ सम्मान करै हई !!!!!!
बिल्टू:मुदा , मिथिला में हई की ? अलग भेला पर की खाएब ??
बेचन : काका ! की नै हई मिथिला में----पानी हई , भूमी हई , श्रम हई , योग्यता हई सभ कुछ हई ..मुदा सभ केयो भदेश ध लेने हई ...जखनी मिथिला राज्य बनते त नब नब प्रोजेक्ट लगतै , सभ के रोजगार भेटतै आ भदेश गेल लोक सभ घुइम क अपना मिथिला अतै आ फेर सॅ मिथिला स्वर्ग सॅ सुन्दर भ जेतै !!!!!!!!!
सुरेन्द्र :बात त ठीक हौ तोहर बेचन , मुदा , मिथिला राज्य बनते कोना ????
बिल्टू: ठीक कहै जे बेचन ! हम  सभ अपन शक्ति भुइल गेल छी !! ठीके की नै अइछ हमरा सभ लंग !!!!!!
बेचन: काका सभ!! मिथिला राज्य बनाबे खातीर एक संगठन बनलैया जेकर नाम हई "मिथिला राज्य निर्माण सेना "..जे मिथिला राज्य लागी आन्दोलन क  रहल हई आ हमहुँ एकर एक "सेनानी " छी ..एकर मात्र एक संकल्प हई "समृद्ध आ सभ्य मिथिला राज्य "
बिल्टू: त आई से हमहुँ तोरा सभ के संग छी तन , मन आ धन सॅ ...पेट खातिर त बड्ड जिली आब अपन मातृभूमि के खातिर जिब अपन पहिचान खातिर जिब...
बेचन : जय मिथिला
सुरेन्द्र : हमहुँ संग छिओ समांग ....आई सॅ रोज गामे गामे जा के लोक के जगाएब "अपन स्वराज मिथिला राज्य " खातिर
                               (बेचन, बिल्टू , सुरेन्द्र  एक संग )
"जय मिथिला, जय मैथिली, जय मिथिला राज्य आन्दोलन"

सोमवार, 3 मार्च 2014

२१ फरवरी , शुक्रवार  के मातृभाषा दिवश अछि  आ  अपन मातृभाषा मैथिली के मिथिला में शिक्षा में उचित अधिकार दिएबाक लेल पटना में १५ तारीख स अनशन पर बैशल छैथ भाई अनूप आ भैया मनोज।  मुदा बिहार सरकार बनल अछि बौक , बहीर। हम सभ मिथिलावाशी  एहि आन्दोलन में अपन भागीदारी कम स कम  एक दिनक सामूहिक उपवाश राखि द सकैत छी--जे जहाँ छी ओतै रहि उपवाश राखू जाहि स हिनका सभ के शक्ति भेटें। इ सामूहिक उपवाश २१ के राखल गेला।  पूरा मिथीला मिथिला राज्य निर्माण सेना के एहि अनशन में भागी बनता से आशा।  इ सूचना एस  एम एस के द्वारा अपन अपन लोक के दी आ एतेक त कम स कम हम सभ कए सकै छी। 
    जय मिथीला जय मैथिली जय मिरानिसे 

रविवार, 2 मार्च 2014

प्रिय गामवासी


प्रिय गामवासी,

हम सब गामक बेटा गामसँ बड दूर मजबूरी मे समस्त उत्तरदायित्त्वकेर वहन करबाक वास्ते प्रवासपर छी आ एतय अपन स्वराज्यक महत्त्व आन-आन राज्यवला सबहक समृद्धिसँ मनन कय रहल छी...। वास्तवमे बिहार नाम्ना राज्यक हेबाक कारणे हमरा सबहक कतहु सम्मान नहि कैल जा रहल अछि, लेकिन जखन अपन मिथिलाक बात करैत छी तऽ स्वत: लोक जानकी (सिया-धिया)केर स्मरण करिते हमरा सबकेँ बहुत इज्जत सेहो दैत छथि, मुदा काज करबाक घडी कियो इज्जतसँ पैसा नहि दैत छैक, घाम-पसीना चुआबैत काज करबाबैत अछि आ रोजीक नामपर शोषण कैल जाइछ। आइ यदि अपन स्वराज्य टा रहैत तऽ जरुर हमरा लोकनि अपन मिथिलामे उद्योग आ व्यवसायिक वातावरण पाबि रोजी लेल एतेक दूर कथमपि नहि अबितहुँ।

हमर व हमरा संग रहनिहार समस्त मिथिलावासी एहि बेर निर्णय लेलहुँ आ ताहि अनुरूपे अपने लोकनिकेँ चिट्ठी लिखि निवेदन कय रहल छी जे आगामी लोकसभा चुनावमे जे कोनो दल वा उम्मीदवार चुनाव लडय लेल आबय ओकरा सँ पहिने शपथ खुआउ आ लिखित माँगू जे 'मिथिला राज्य' केर माँग सदनमे उठायत आ हमरा सबकेँ बिहार राज्यक थोपुआ पहिचानसँ जरुर मुक्ति दियाओत। संगहि, आर्थिक पिछडापण सहित अन्य अविकसित अवस्थामे शीघ्रातिशीघ्र सुधार आनत।

अपनेक विश्वासी,


Ganesh, Pravakta, Mithila Rajya Nirman Sena
प्रिय गामवासी,

हम सब गामक बेटा गामसँ बड दूर मजबूरी मे समस्त उत्तरदायित्त्वकेर वहन करबाक वास्ते प्रवासपर छी आ एतय अपन स्वराज्यक महत्त्व आन-आन राज्यवला सबहक समृद्धिसँ मनन कय रहल छी...। वास्तवमे बिहार नाम्ना राज्यक हेबाक कारणे हमरा सबहक कतहु सम्मान नहि कैल जा रहल अछि, लेकिन जखन अपन मिथिलाक बात करैत छी तऽ स्वत: लोक जानकी (सिया-धिया)केर स्मरण करिते हमरा सबकेँ बहुत इज्जत सेहो दैत छथि, मुदा काज करबाक घडी कियो इज्जतसँ पैसा नहि दैत छैक, घाम-पसीना चुआबैत काज करबाबैत अछि आ रोजीक नामपर शोषण कैल जाइछ। आइ यदि अपन स्वराज्य टा रहैत तऽ जरुर हमरा लोकनि अपन मिथिलामे उद्योग आ व्यवसायिक वातावरण पाबि रोजी लेल एतेक दूर कथमपि नहि अबितहुँ।

हमर व हमरा संग रहनिहार समस्त मिथिलावासी एहि बेर निर्णय लेलहुँ आ ताहि अनुरूपे अपने लोकनिकेँ चिट्ठी लिखि निवेदन कय रहल छी जे आगामी लोकसभा चुनावमे जे कोनो दल वा उम्मीदवार चुनाव लडय लेल आबय ओकरा सँ पहिने शपथ खुआउ आ लिखित माँगू जे 'मिथिला राज्य' केर माँग सदनमे उठायत आ हमरा सबकेँ बिहार राज्यक थोपुआ पहिचानसँ जरुर मुक्ति दियाओत। संगहि, आर्थिक पिछडापण सहित अन्य अविकसित अवस्थामे शीघ्रातिशीघ्र सुधार आनत।

अपनेक विश्वासी,
निक नहि लगैया हमरा 
हमर मनक अँगना
बिनु आहाँ सजना..
जखन बहैया बसात फागुन के,
मन मे उठैया हिलोइर नेह के..

Mithila Rajya

गे मैया!
कहिया बनतै मिथिला राज्य?
जहिया बनतै मिथिला राज्य,
सभके भेटतै अपन काज ।।
सभके भेटतै अपन काज,
नहि केयो जेतहि दोसर राज्य ।।
 नहि केयो जेतहि दोसर राज्य,
सभ केयो रहतै अपने गाम ।।
सभ केयो रहतै अपने गाम,
सभक उन्नति सभक सम्मान ।।
सभक उन्नति सभक सम्मान,
तहने बनतै मिथिला महान ।।..
जय जय मिथिला!
 जय मिथिला राज्य आन्दोलन!!
  :गणेश  कुमार झा "बावरा "