भोरूकवा मे सुति उठल छलौं
तखने छोटकुन बाजि उठल--
'आब मैथिली रानी समर्थ भेली
पाबि संविधान मे स्थान
मैथिली रानी धन्य भेली |
'
कोयलीक सन मधुर बोली
दुष्ट कागक दृढ़ताक कारण
कंठक नीचा दबल छली |
मैथिली रानी बजहि छली
दबल कंठे गबहि छली
अपन अधिकार खातीर
नित्य करुण स्वर सँ
मिथिलावाशी के उद्धबोधित करै छली |
आब मैथिली रानी महारानी भेली
जन-जन मैथिल के वाणी भेली
घरे मे नै बाहरों मे
लोकक राजदुलारी भेली |
मुदा इ ताज ता' धरि चमकत
जा' धरि मिथिलावाशी समर्पित रहत ........
:गणेश कुमार झा "बावरा"
गुवाहाटी
(इ रचना ओहि समय के अछि जखन मैथिली के अष्ठम सूची मे स्थान भेटल छल )
तखने छोटकुन बाजि उठल--
'आब मैथिली रानी समर्थ भेली
पाबि संविधान मे स्थान
मैथिली रानी धन्य भेली |
'
कोयलीक सन मधुर बोली
दुष्ट कागक दृढ़ताक कारण
कंठक नीचा दबल छली |
मैथिली रानी बजहि छली
दबल कंठे गबहि छली
अपन अधिकार खातीर
नित्य करुण स्वर सँ
मिथिलावाशी के उद्धबोधित करै छली |
आब मैथिली रानी महारानी भेली
जन-जन मैथिल के वाणी भेली
घरे मे नै बाहरों मे
लोकक राजदुलारी भेली |
मुदा इ ताज ता' धरि चमकत
जा' धरि मिथिलावाशी समर्पित रहत ........
:गणेश कुमार झा "बावरा"
गुवाहाटी
(इ रचना ओहि समय के अछि जखन मैथिली के अष्ठम सूची मे स्थान भेटल छल )