"मिथिला राज्य अपन अधिकार"
:एक अभियान :
जन -जन कें मन मे बैसल
मिथिला राज्य अपन अधिकार.....
बड्ड दिन भाँग खाए भकुएअल छलहुँ
मुदा आब हम मैथिल जाइग गेलहुँ ......
अछि मधुर भाषा हमर मैथिली
अछि समृद्ध हमर साहित्य -संस्कृति
अछि ज्ञान -गंगा हमर धरोहर
मुदा, पथ -विचलीत भ गेल छलहुँ
अपन माए के आँचर सँ दूर भ गेल छलहुँ ......
आब आबि गेलहुँ
हे माए मिथिला आहाँक स्नेहक कोरा मे ......
नैन्ना -भुटका बड़का -छोटका
सब केओ जागि रहल अछि आब
एकहि स्वप्न सभक आंखि में
कहिया हेतहि अपन मिथिला राज्य?
कहिया अपन भाषा में पढबई?
कहिया भेटतै मान -सम्मान ?
हे मैथिल !
आब ओ दिन दूर नै
जहिया बनत मिथिला राज्य
शपथ खा चुकल छी
कफ़न बाँधि चुकल छी
चलि चुकल छी क्रान्तिक पथ पर
बस , आहाँ सभक आशीष आ सहयोग चाही
क्रान्तिक ध्वज अविरत फहराइत रहाए
ताहि हेतु सब मैथिल के हाथ चाही .......
जय मिथिला ! जय मैथिली !!