रविवार, 22 जून 2014

मिथिला राज्य आन्दोलन के
भेंट रहल अछि नित्य नव आयाम

 संसार में तीन तरहक वृक्ष होइत छै तीन स्वभाव के :
१. जे मात्र फूल दैत छै----जेना गुलाब
२. जे मात्र फल दैत छै ---जेना कटहर
३. जे फूल आ फल दुनू दैत छै ----जेना आम
   एहि तरहे मनुष्यक सेहो स्वभाव होइत छै :
    १. जे मात्र बजता करता किछु नहि
    २. जे करता मुदा बजता नहि
    ३. जे बजता आ करता

तुलसीदास जी रामचरित मानस मे धन  के  तीन उपयोग  बतेने  छथिन :
 १. उत्तम -----दान
  २. मध्यम ----भोग  आ
    ३. निचतम् ----नाश 
सच जँ धन के दान आ भोग नहि काएल जाए त नाश होएत।


अर्थशास्त्र सेहो कहैत छै जे धन जतेक घुमैत रहए ओतेक अर्थव्यवस्था लेल निक।