रविवार, 22 जून 2014

तुलसीदास जी रामचरित मानस मे धन  के  तीन उपयोग  बतेने  छथिन :
 १. उत्तम -----दान
  २. मध्यम ----भोग  आ
    ३. निचतम् ----नाश 
सच जँ धन के दान आ भोग नहि काएल जाए त नाश होएत।


अर्थशास्त्र सेहो कहैत छै जे धन जतेक घुमैत रहए ओतेक अर्थव्यवस्था लेल निक।