तुलसीदास जी रामचरित मानस मे धन के तीन उपयोग बतेने छथिन :
१. उत्तम -----दान
२. मध्यम ----भोग आ
३. निचतम् ----नाश
सच जँ धन के दान आ भोग नहि काएल जाए त नाश होएत।
अर्थशास्त्र सेहो कहैत छै जे धन जतेक घुमैत रहए ओतेक अर्थव्यवस्था लेल निक।
१. उत्तम -----दान
२. मध्यम ----भोग आ
३. निचतम् ----नाश
सच जँ धन के दान आ भोग नहि काएल जाए त नाश होएत।
अर्थशास्त्र सेहो कहैत छै जे धन जतेक घुमैत रहए ओतेक अर्थव्यवस्था लेल निक।