सोमवार, 24 अक्टूबर 2016

गीत...

भोरे-भोरे कुचरलै दलान कौआ
आई आँगनमे एथीन पाहुन बौआ !!
निप-नाइप हम रखने छी आँगन-दुरखा
तरि रखने छी हम तिलकोर -तरुआ !!
भोरे-भोरे कुचरलै दलान कौआ
आई आँगनमे एथीन पाहुन बौआ !!
कहि देबैन हम हुनका सँ सब बतिया
काटि अहुरीया हम कोना बितेलौं रतिया !!
भोरे-भोरे कुचरलै दलान कौआ
आई आँगनमे एथीन पाहुन बौआ !!
पहिरेथीन हमरा ओ पाएरक पैजनीयाँ
जखन भेटबै हम हुनका सँ राति सखिया !!
भोरे-भोरे कुचरलै दलान कौआ
आई आँगनमे एथीन पाहुन बौआ !!
भींज जेबै हम हुनकर स्नेह रसमे रतिया
सीख लेबै हम हुनका सँ प्रेमक रीत सखिया !!
भोरे-भोरे कुचरलै दलान कौआ
आई आँगनमे एथीन पाहुन बौआ !!
😢😢
चलि जेथीन ओ दू दिन बाद बौआ
फेर नहि जानि कहिया कुचरतै दलान कौआ !!!!😢😢
:गणेश मैथिल
गुवाहाटी

मंगलवार, 18 अक्टूबर 2016

कविता..भदेश

जहिया सँ धीया धेला भदेश
छुटि गेलैन अपन भाषा अपन भेष
छुटि गेलैन माटि-पानि
छुटि गेलैन घर आँगन
छुटि गेलैन माएक आँचर
जहिया सँ धीया धेला भदेश !!
छुटि गेलैन मीत-हित
छुटि गेलैन रीत-विध
छुटि गेलैन खेत-खरीहान
छुटि गेलैन बाबाक दलान
जहिया सँ धीया धेला भदेश !!
छुटि गेलैन नेन्नाक नेनपन
छुटि गेलैन बाबाक कन्हा
छुटि गेलैन कका-काकीक दुलार
छुटि गेलैन नानी-दादीक खीस्सा-पिहानी
जहिया सँ धीया धेला भदेश !!
घुरि आबू हे धीया
बाट जोहैत अछि गामक बटीया !!!!!
:गणेश मैथिल
गुवाहाटी