"गरीब"
विचित्र विधान अहि संसार कें--
जे पसीना बहा उपजाबैथ रोटी
हुनके तन नै दुई हाथक धोती !
जिनक पसीनाक कमाए सँ
सेठ-साहूकार भरैथ अपन कोठी
हुनके भेटैत छनि दरिद्र आ गरीबक उपाधि !
जिनक मेहनत सँ भड़ल अछि राजाक बखाड़ी
वाएह समाज मे बनल छैथ भिखाड़ी !
जिनक रक्त सँ इजोत अछि नगर
हुनके घर नै जारि दिया- बाती !
नित्य सत्ताक उलट-फेर होइत अछि--
हुनके नाम पर
नित्य राजाक आदेश होइत अछि--
हुनके लेल
मुदा नै जानि --
कोन जिन घुसल अछि ?
जे सब हजम क' जाइत अछि रस्ते मे !
अनेकों रियायत अनेकों कोष
वोटक दिन मे अनेरोक जोश
चुनावक बाद सब बेहोश
ज धोखो सँ किछु हुया
त बाबू-भैया करैथ भोग !!
:गणेश कुमार झा "बावरा"
गुवाहाटी
विचित्र विधान अहि संसार कें--
जे पसीना बहा उपजाबैथ रोटी
हुनके तन नै दुई हाथक धोती !
जिनक पसीनाक कमाए सँ
सेठ-साहूकार भरैथ अपन कोठी
हुनके भेटैत छनि दरिद्र आ गरीबक उपाधि !
जिनक मेहनत सँ भड़ल अछि राजाक बखाड़ी
वाएह समाज मे बनल छैथ भिखाड़ी !
जिनक रक्त सँ इजोत अछि नगर
हुनके घर नै जारि दिया- बाती !
नित्य सत्ताक उलट-फेर होइत अछि--
हुनके नाम पर
नित्य राजाक आदेश होइत अछि--
हुनके लेल
मुदा नै जानि --
कोन जिन घुसल अछि ?
जे सब हजम क' जाइत अछि रस्ते मे !
अनेकों रियायत अनेकों कोष
वोटक दिन मे अनेरोक जोश
चुनावक बाद सब बेहोश
ज धोखो सँ किछु हुया
त बाबू-भैया करैथ भोग !!
:गणेश कुमार झा "बावरा"
गुवाहाटी