हमर एकता , हमर प्रगति
तखने होएत , मिथिलाक उन्नति ।
जागि चुकल अछि युवा आब
नै रहत पछड़ल मिथिलाधाम ।
मान राखैत बाबाक पागक
हम करब २१ वीं सदीक सम्मान ।
जाति-पाति में नै बँटब हम
नै करब एक -दोसरक खिध्यांस।
सहेज राखब अपन कला -संस्कृति
करब स्वस्थ-शिक्षित समाजक निर्माण ।
हमर एकता, हमर प्रगति
आउ, सब एक स्वर में करी ---
मैथिल--मैथिली-मिथिलाक गुणगान ।।
:गणेश कुमार झा "बावरा"
गुवाहाटी