एलै बसंत चढलै रंग,
खिल उठल फुलवारी,
जुअनका सभक बाते छोड़ू,
बुढो सभके लगलैन रंग रभसक बिमारी..
जोगी जी सा रा रा ।
मित हमर दू मास सँ,
धेने छलाह विस्तर,
लइगते बसात बसंत के ,
भ गेला चरफर,
आ खेले लेल भौजी संग फागु,
ध लेला गामक गाड़ी झटपट..
जोगी जी सा रा रा ।
भैया हमर काटैत अहुरिआ ,
भेंट करबा लेल भौजी सँ,
कहै छलाह पहिल फागु ,
खेलितौ सासुरे मे,
साइर सरहोजनी कनिञाँ संग..
जोगी जी सा रा रा । (बुरा नै मानब होली छै)
खिल उठल फुलवारी,
जुअनका सभक बाते छोड़ू,
बुढो सभके लगलैन रंग रभसक बिमारी..
जोगी जी सा रा रा ।
मित हमर दू मास सँ,
धेने छलाह विस्तर,
लइगते बसात बसंत के ,
भ गेला चरफर,
आ खेले लेल भौजी संग फागु,
ध लेला गामक गाड़ी झटपट..
जोगी जी सा रा रा ।
भैया हमर काटैत अहुरिआ ,
भेंट करबा लेल भौजी सँ,
कहै छलाह पहिल फागु ,
खेलितौ सासुरे मे,
साइर सरहोजनी कनिञाँ संग..
जोगी जी सा रा रा । (बुरा नै मानब होली छै)