एक सूरज एक चन्द्रमा
एक धरती एक गगन
एक पानी एक पर्वत
एक उपवन एक पवन
एक जीवन एक मृत्यु
एक मानव एक खून
पर जाने क्यों इंसान
रंग बिरंगी मजहब बनाया
सब अलग अलग पथ बतलाया
मेरा अच्छा तेरा बुरा कहकर
सब लड़ता कटता मरता
असमंजस में है मन मेरा
किस राह चलूँ........
एक धरती एक गगन
एक पानी एक पर्वत
एक उपवन एक पवन
एक जीवन एक मृत्यु
एक मानव एक खून
पर जाने क्यों इंसान
रंग बिरंगी मजहब बनाया
सब अलग अलग पथ बतलाया
मेरा अच्छा तेरा बुरा कहकर
सब लड़ता कटता मरता
असमंजस में है मन मेरा
किस राह चलूँ........