बुधवार, 4 मार्च 2015

Rahul ki Vyatha

"राहूल  की व्यथा "
 थक चुका हूँ   हार हार कर
सूझता नहीं कोई राह
लेकर मोदी अंकल से पंगा
हो गयी पार्टी अपंग !!!!!
दिग्गी जैसा दूरदर्शी मार्गदर्शक
करा दिया पार्टी का बेरा गर्त
पग पग पर खड़ा है चमचा
समझता मुझको छोटा बच्चा !!!!!
मोदी अंकल बड़े भयंकर
मैं छोटा बच्चा नादान
वो राजनीति के बड़े धुरंधर
मैं ठहरा राजनीतिक शिशु नवजात !!!!!
ना जाने क्या क्या  हथकंढे अपनाया
ना जाने कितने आरोप लगाया
सूट की किमत दस लाख बताया
मोदी अंकल फिर मारी बाजी
सूट चार करोड़ तइस लाख में बिकाय !!!!!
अब रहा न गया
देखी न गयी अपनी चीर हरण
चारु दिशा लगी ठहाका
छलनी छलनी हो गयी मेरी सीना !!!!!
मैं क्या करता बता मेरी माँ
तेरे चमचों के बिच घिर कर
मैं घूट घूट कर मरता था
इसलिए
मैं छोड़ तेरी राजनीतिक पल्लू
दूर बहुत दूर आ गया हूँ !!!!!!!!!!!!!!!!!!!
(so sorryyyyyyyy)