शनिवार, 12 मार्च 2016

सुख शान्ति

ताकि रहल छी ओ
जे भेंट रहल अछि नहि ।
जे अछि राखल सम्मुख
तेकर कोनो कद्रे नहि ।।
वन-वन भटैक
रहल अछि मन ।
हेर रहल अछि
सुख शान्तिक क्षण ।।
जँ ठहैर एक पहर
झाँकब अपन अन्तरमन ।
ह्रदयमे बैसल भेटती शान्ति
भ जाएत सुखमय जीवन ।।
:गणेश मैथिल
गुवाहाटी