एहिमे हुनकर कोन दोष
जँ नहि सुनि सकली ओ
हमर ह्रदयक स्नेहक बोल
भ सकैत छै हुनक ह्रदय सँ
नहि जुड़ल हमर ह्रदयक तार ।।
मानलौं प्रीतक पीड़ा सँ पीड़ित छी
हुनकर चान सन मुखड़ा
देखबाक लेल उताहुल छी
हुनकर कोयली सन बोल
सुनबा लेल व्याकुल छी
मुदा ई जरूरी त नहि
ओहो हमरा सँ प्रेम करथि ।।
जँ नहि सुनि सकली ओ
हमर ह्रदयक स्नेहक बोल
भ सकैत छै हुनक ह्रदय सँ
नहि जुड़ल हमर ह्रदयक तार ।।
मानलौं प्रीतक पीड़ा सँ पीड़ित छी
हुनकर चान सन मुखड़ा
देखबाक लेल उताहुल छी
हुनकर कोयली सन बोल
सुनबा लेल व्याकुल छी
मुदा ई जरूरी त नहि
ओहो हमरा सँ प्रेम करथि ।।