सोमवार, 7 सितंबर 2015

Geet

कनियाँ::
हमरा छोड़ि क' मुहँ मोड़ि क'
नहि जाउ पिया परदेश
कोना क' हेतै गुजारा
बिनु आहाँ कोना रहबै यौ
कोना हेतै खेती बाड़ी
कोना क' पेट भड़तै यौ...
पिया::
जाए दिअ परदेश सजनी
लाएब कमा क' ढ़ेउवा यै
लाएब निक निक साड़ी
लाएब आहाँ लेल गहना यै...
कनियाँ::
छोड़ू छोड़ू पिया
नहि चाही हमरा साड़ी
नहि चाही कोनो गहना यौ
संग आहाँके रही
इहए हमर कामना यौ....
पिया::
गाम मे आब रहि सजनी
नहि हेतै गुजारा यै
बुच्चा बुच्ची नम्हर हेतै
खर्चा आगू बढ़बे करतै
ताँए जाए दिअ परदेश हमरा यै ..
कनियाँ::
जा क' परदेश पिया
ढ़ेउवा त कमाएब यौ
मुदा गमाएब गामक जिनगी
आ गमाएब सादगी यौ
जुनि जाउ पिया परदेश
आहाँ गामे मे रहु यौ....