सोमवार, 16 नवंबर 2015

रुसल किए छी

"रुसल किए छी "
आहाँ बाजू ने बाजू
रुसल किए छी ?
चुप बैसल आहाँ
नहि निक लागै छी !!
आहाँक मिठगर
कोयलीक सन बोल सुनए लेल
हमर कान अछि व्याकुल
आहाँ बाजू ने बाजू
रुसल किए छी ?
चुप बैसल आहाँ
नहि निक लागै छी !!
आहाँ जँ एना
चुप भऽ बैसब
गाल फुला कऽ
हमरा नहि टोकब
त कोना कऽ
चलत प्रेमक गाड़ी
आहाँ बाजू ने बाजू
रुसल किए छी ?
चुप बैसल आहाँ
नहि निक लागै छी !!
आहाँ जँ मुस्की, त हम घुसकी
आहाँ जँ हँसी, त हम फँसी
जँ आहाँ नहि बाजी
त हम धप खसी
आहाँ बाजू ने बाजू
रुसल किए छी ?
चुप बैसल आहाँ
नहि निक लागै छी !!
अहीं त छी हमर लजबन्ती
अहीं पर प्राण हमर न्यौछावर
बिनु आहाँ हमर जिनगी
जेना--
सुर बिनु संगीत
सुगन्ध बिनु फुल
आहाँ बाजू ने बाजू
रुसल किए छी ?
चुप बैसल आहाँ
नहि निक लागै छी !!
:©गणेश मैथिल