छोड़ि गेलौँ जरैत हमरा
धधकैत प्रेमक आगि मे
हम तड़पैत झड़बैत छी नोर
प्रिय हरदम आहाँक याद मे ।
अहीं छलौँ सर्वस्व हमर
नहि आर केयो संसार मे
जँ अहीं नहि भेलियै हमर "प्रिय "
त हमर कुन मोजर संसार में ।
रखलौं सहेज हम "प्रिय"
आहाँक प्रेमक चारि दिन
आएब आहाँ होएत पुन: मिलन
रहलौं हम बैसल एहि आश मे ।
कतेको दिवश बितल "प्रिय "
आहाँ नहि लेलौं सुधि हमर
हारल मारल जिनगी हमर
मुदा हम जीब आहाँक याद मे ।
:गणेश कुमार झा "बावरा "
धधकैत प्रेमक आगि मे
हम तड़पैत झड़बैत छी नोर
प्रिय हरदम आहाँक याद मे ।
अहीं छलौँ सर्वस्व हमर
नहि आर केयो संसार मे
जँ अहीं नहि भेलियै हमर "प्रिय "
त हमर कुन मोजर संसार में ।
रखलौं सहेज हम "प्रिय"
आहाँक प्रेमक चारि दिन
आएब आहाँ होएत पुन: मिलन
रहलौं हम बैसल एहि आश मे ।
कतेको दिवश बितल "प्रिय "
आहाँ नहि लेलौं सुधि हमर
हारल मारल जिनगी हमर
मुदा हम जीब आहाँक याद मे ।
:गणेश कुमार झा "बावरा "