शनिवार, 19 अप्रैल 2014

gajal

छोड़ि गेलौँ  जरैत हमरा
धधकैत प्रेमक आगि मे
हम तड़पैत झड़बैत छी नोर
प्रिय हरदम आहाँक याद मे ।




अहीं छलौँ सर्वस्व हमर
नहि आर केयो संसार मे
जँ अहीं नहि भेलियै  हमर "प्रिय "
त हमर कुन मोजर संसार में ।


रखलौं सहेज हम "प्रिय"
आहाँक प्रेमक चारि दिन
आएब आहाँ होएत पुन: मिलन
रहलौं हम बैसल एहि आश मे ।


 कतेको दिवश बितल "प्रिय "
आहाँ नहि लेलौं सुधि हमर
हारल मारल जिनगी हमर
मुदा हम जीब आहाँक याद मे ।


    :गणेश कुमार झा "बावरा "