बुधवार, 9 अप्रैल 2014

kavita: by kanchan kumari



  "की बेटी भेनाइ छै अपराध "

पुइछ रहल अछि आइ बेटी इ सवाल 
की  बेटी भेनाइ छै अपराध ??
किया बेटी के जीवन भेल बेकार 
किया बेटी के जन्म लेनाइ भेल पहाड़ 
की बेटी भेनाइ छै अपराध ??

ज बेटा जन्मे घर मे 
बाँटैत छी भइर गाम मिठाई 
ज बेटी जन्मैया 
त किया पिटैत छी माथ-कपाड़ 
की बेटी भेनाइ छै अपराध ??

घर मे त भगवती पुजैत छी 
देवी पूजा पाठ करैत छी 
त फेर किया बेटी संग दुर्यव्यवहार 
की बेटी भेनाइ छै अपराध ??

आई दहेजक लोभ मे 
समस्त समाज भेल छै ग्रस्त 
आर किछु  त  प्रगति नहि भेल 
बेटी सभ लेल भेल कष्ट 
की बेटी भेनाइ छै अपराध ??
की  बेटी भेनाइ छै अपराध ??
         :कंचन कुमारी झा :