नाटकःजागु
दृश्यः दश
समयः भोर
स्थानःबिल्टूक घरक दृश्य
(स्टेज पर बिल्टू घर मे पूजा पर बैसल अछि)
विष्णु देवः(नेप्थय सँ) बिल्टू! बिल्टू!!(हाक दैत)
बिल्टू: के ???
वि0दे0: हम !!!
बि0:(धरफराइत उठैत) भाई जी !! याह एलौं...(विष्णु देवक प्रवेश, बिल्टू पएर छू गोर लगैत)
वि0दे0:'आयुष्यमान भवः', 'यसस्वी भवः'
बिल्टूः (कुर्सी दैत) आउ बैसू
वि0दे0:(बैसत) हम भोरे भोर मधुर खेबाक लेल एलहुँवा । आईके अखबार पढलहकाए ??
बिल्टूः की भेलहिया ? की रामनारायण बाबू चुनाव जीत गेला ??
वि0दे0: राम बाबू त जीतबे करता, मुदा, आई हमर गाम जीतलाए ! हमर गामक नाम अखबारक मुख्य पृष्ठ पर छपल अछि !! (गोर्वान्वित होइत)
बिल्टूः से किएक ?
वि0द0: ओ आहाँक कारण...
बिल्टूः (आशचर्यचकित भाव)...हमरा कारण ??? भाई जी, हम गप नहि बुझलौं !!!!
वि0दे0:(अखबार देखबैत)..हौ तूं "कलेक्टर" बनि गेलअ, कलेक्टर !! एहि गामक पहिल कलेक्टर , ओहो भारत मे प्रथम स्थान ....
बिल्टूः(खुशी सँ)...की कहलौं, हम कलेक्टर बनि गेलौं !! हे भगवान ! आहाँक कोटि कोटि धन्यवाद !! आइ आहाँ हमर भक्ति, आराधना आ विश्वाशक फल देलौं ।(माए बाबूके फोटो लंग जा प्रणाम करैत) भाई जी, आइ हमर माए बाबू बड्ड प्रसन्न हेता' । हमर ई सफलता हुनके लोकनिक आर्शिवादक फल अछि ।
वि0द0: मात्र तोरे माए- बाबू नहि, आइ एहि पावैन अवसर पर पूरा समाज हर्षित अछि ! आइ ई समाज तोरा पर गर्व महसूस क रहल अछि !! तोहर ई सफलता सिद्ध क रहल अछि कि जँ आत्मविश्वाश, हौसला आ किछु क गुजरबाक इच्छा हुए त कोनो वस्तुक प्राप्ति असम्भव नहि । तूं समाज लेल एक आदर्श छ ।।
बिल्टूः भाई जी, हमर एहि सफलताक पाछाँ एहि समाज आ आहाँ लोकनिक बड्ड पैघ हाथ अछि । माए-बाबूक मुइला उपरान्त हम हिआउ हारि गेल रही, मुदा, ई समाज हमरा बड्ड सहयोग केलक । हम एहि समाजके सदा त्रृणी रहब ।
वि0दे0: बस...!! जिनगी मे सदैव याह गप मुन राखब ! समाज सँ पैघ केयो नहि होइत अछि । चाहे कतबो पैघ हाकिम बनि जाइ, मुदा, समाजके कहियो नहि बिसरब । सदा हमर एहि गपके मुन राखब-----
"जेना कृषक वर्षाके बाट तकैया, तहिना समाज सदैव प्रतिभावान पुतके बाट जोहैया"...
बिल्टूः भाई जी. हम वचन दैत छी--हम सदैव समाजके प्रति सजग, संवेदनशील आ कर्त्तव्यनिष्ठ रहबाक प्रयास करब ।।
वि0दे0: हमरा तोरा सँ याह उम्मिद अछि !!
बिल्टूः भाई जी, हम अपन कमाईके किछु हिस्सा सदैव ' सम्पूर्ण शिक्षा अभियानके' दैत रहब , आइ सँ एकर संचालनक भार हम आहाँके सोपि रहल छी, हमरा त असली सफलता ओहि दिन भेटत जहिया गामक एकटा व्यक्ति अशिक्षित नहि रहत !!
वि0दे0: हम ई भार सहर्ष स्वीकार करैत छी आ प्रयास करब कि हम आहाँक सपनाके पूरा करी ।..आब चलू समाजक लोक आहाँक अभिनन्दन लेल बेकल छैथ
(प्रस्थान, पटाक्षेप, दोसर पर्दा पर टेबुल कुर्सी लागल आ दस बिस लोक फुल माला ल बैसल, विष्णुदेवक संग बिल्टूक प्रवेश, अभिनन्दन कार्यक्रम होइत अछि)
बिल्टूः (आँखि सँ खुशीक नोर पोछैत)...समस्त गामवाशीके हमर प्रणाम !! आहाँ लोकनिक असीम स्नेह आ सहयोगक बलबूते आइ हम ई सफलता प्राप्त क सकलौं ! एहि हेतु हम सदैव आहाँ सभक त्रृणी रहब ! हम एकहिटा गप कहब--प्रत्येक पाथर हीरा अछि, बस, ओकरा तरसबाक आ परखबाक जरूरत अछि । गाम मे कतेको धिया पुता अछि जेकरा अन्दर ज्ञान, विज्ञाण आ कला कुटि कुटि क भड़ल अछि, मुदा, बेकार पड़ल अछि । जतेक समय हम अधलाह काज मे लगबैत छी, जँ ओतेक समय, बल आ बुद्धि निक काज मे लगाबी त अपना संग समाज आ देश दुनूक विकाश होएत ।(सभ ताली पीटैत अछि)
पुनः सभ गोटेके हमर प्रणाम !!!!
पर्दा खसैत अछि
दृश्य दशम समाप्ति
दृश्यः दश
समयः भोर
स्थानःबिल्टूक घरक दृश्य
(स्टेज पर बिल्टू घर मे पूजा पर बैसल अछि)
विष्णु देवः(नेप्थय सँ) बिल्टू! बिल्टू!!(हाक दैत)
बिल्टू: के ???
वि0दे0: हम !!!
बि0:(धरफराइत उठैत) भाई जी !! याह एलौं...(विष्णु देवक प्रवेश, बिल्टू पएर छू गोर लगैत)
वि0दे0:'आयुष्यमान भवः', 'यसस्वी भवः'
बिल्टूः (कुर्सी दैत) आउ बैसू
वि0दे0:(बैसत) हम भोरे भोर मधुर खेबाक लेल एलहुँवा । आईके अखबार पढलहकाए ??
बिल्टूः की भेलहिया ? की रामनारायण बाबू चुनाव जीत गेला ??
वि0दे0: राम बाबू त जीतबे करता, मुदा, आई हमर गाम जीतलाए ! हमर गामक नाम अखबारक मुख्य पृष्ठ पर छपल अछि !! (गोर्वान्वित होइत)
बिल्टूः से किएक ?
वि0द0: ओ आहाँक कारण...
बिल्टूः (आशचर्यचकित भाव)...हमरा कारण ??? भाई जी, हम गप नहि बुझलौं !!!!
वि0दे0:(अखबार देखबैत)..हौ तूं "कलेक्टर" बनि गेलअ, कलेक्टर !! एहि गामक पहिल कलेक्टर , ओहो भारत मे प्रथम स्थान ....
बिल्टूः(खुशी सँ)...की कहलौं, हम कलेक्टर बनि गेलौं !! हे भगवान ! आहाँक कोटि कोटि धन्यवाद !! आइ आहाँ हमर भक्ति, आराधना आ विश्वाशक फल देलौं ।(माए बाबूके फोटो लंग जा प्रणाम करैत) भाई जी, आइ हमर माए बाबू बड्ड प्रसन्न हेता' । हमर ई सफलता हुनके लोकनिक आर्शिवादक फल अछि ।
वि0द0: मात्र तोरे माए- बाबू नहि, आइ एहि पावैन अवसर पर पूरा समाज हर्षित अछि ! आइ ई समाज तोरा पर गर्व महसूस क रहल अछि !! तोहर ई सफलता सिद्ध क रहल अछि कि जँ आत्मविश्वाश, हौसला आ किछु क गुजरबाक इच्छा हुए त कोनो वस्तुक प्राप्ति असम्भव नहि । तूं समाज लेल एक आदर्श छ ।।
बिल्टूः भाई जी, हमर एहि सफलताक पाछाँ एहि समाज आ आहाँ लोकनिक बड्ड पैघ हाथ अछि । माए-बाबूक मुइला उपरान्त हम हिआउ हारि गेल रही, मुदा, ई समाज हमरा बड्ड सहयोग केलक । हम एहि समाजके सदा त्रृणी रहब ।
वि0दे0: बस...!! जिनगी मे सदैव याह गप मुन राखब ! समाज सँ पैघ केयो नहि होइत अछि । चाहे कतबो पैघ हाकिम बनि जाइ, मुदा, समाजके कहियो नहि बिसरब । सदा हमर एहि गपके मुन राखब-----
"जेना कृषक वर्षाके बाट तकैया, तहिना समाज सदैव प्रतिभावान पुतके बाट जोहैया"...
बिल्टूः भाई जी. हम वचन दैत छी--हम सदैव समाजके प्रति सजग, संवेदनशील आ कर्त्तव्यनिष्ठ रहबाक प्रयास करब ।।
वि0दे0: हमरा तोरा सँ याह उम्मिद अछि !!
बिल्टूः भाई जी, हम अपन कमाईके किछु हिस्सा सदैव ' सम्पूर्ण शिक्षा अभियानके' दैत रहब , आइ सँ एकर संचालनक भार हम आहाँके सोपि रहल छी, हमरा त असली सफलता ओहि दिन भेटत जहिया गामक एकटा व्यक्ति अशिक्षित नहि रहत !!
वि0दे0: हम ई भार सहर्ष स्वीकार करैत छी आ प्रयास करब कि हम आहाँक सपनाके पूरा करी ।..आब चलू समाजक लोक आहाँक अभिनन्दन लेल बेकल छैथ
(प्रस्थान, पटाक्षेप, दोसर पर्दा पर टेबुल कुर्सी लागल आ दस बिस लोक फुल माला ल बैसल, विष्णुदेवक संग बिल्टूक प्रवेश, अभिनन्दन कार्यक्रम होइत अछि)
बिल्टूः (आँखि सँ खुशीक नोर पोछैत)...समस्त गामवाशीके हमर प्रणाम !! आहाँ लोकनिक असीम स्नेह आ सहयोगक बलबूते आइ हम ई सफलता प्राप्त क सकलौं ! एहि हेतु हम सदैव आहाँ सभक त्रृणी रहब ! हम एकहिटा गप कहब--प्रत्येक पाथर हीरा अछि, बस, ओकरा तरसबाक आ परखबाक जरूरत अछि । गाम मे कतेको धिया पुता अछि जेकरा अन्दर ज्ञान, विज्ञाण आ कला कुटि कुटि क भड़ल अछि, मुदा, बेकार पड़ल अछि । जतेक समय हम अधलाह काज मे लगबैत छी, जँ ओतेक समय, बल आ बुद्धि निक काज मे लगाबी त अपना संग समाज आ देश दुनूक विकाश होएत ।(सभ ताली पीटैत अछि)
पुनः सभ गोटेके हमर प्रणाम !!!!
पर्दा खसैत अछि
दृश्य दशम समाप्ति