शुक्रवार, 23 अक्टूबर 2015

kavita...

इ की हो रहल हइ देशमे
स्थिर सरकार हो रहल हइ अस्थिर
सभे ठार हो रहल हइ विरोध मे
तिरंगा फहराए लागल रहलै ह'
देश आ विदेश मे
मुदा चन्द राजनैतिक रावण नेतबा
अपन राजनीतिक रोटी पकबे खातीर
क' रहलै ह' बदनाम
देशक नाम देश आ विदेशमे !!
अइ देशक जनताके
न चाही विकाश
न चाही काम-धन्धा
खैरातमे चाही खाना पानी
चाहे गद्दीधारी लूटौ देशक खजाना !!
गोलबन्द भ रहल हइ आजुक जयचन्द
असगर कर्मयुद्धमे फँसल हइ पृथ्वीराज
फेर लागल हइ दाँव पर
इज्जत माइ भारतीके
हे हिन्द मानव
करहो फैसला
केकरा जीतेबहो
पृथ्वीराज वा मोहम्मद गोरीके ???