गुरुवार, 27 फ़रवरी 2014

Swabhiman

आब जीबे क की करब,
जखन स्वाभिमाने नै रहल!
अपन पहिचान रहितो,
दोसरक पहिचान ल जीबे छी!!
आब जीबे क की करब,
जखन मातृभूमि सँ दूर भेलौ!
अपन खेत पथार रहितो,
दोसरक खेत पटबै छी!!
आब जीबे क की करब,
जखन मातृभाषा बिसरलौँ!
अपन समृद्द भाषा रहितो,
दोसरक बोली बजै छी!!
   :गणेश कुमार झा "बावरा"

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014

Maithili lel Samuhik Anshan

२१ फरवरी , शुक्रवार  के मातृभाषा दिवश अछि  आ  अपन मातृभाषा मैथिली के मिथिला में शिक्षा में उचित अधिकार दिएबाक लेल पटना में १५ तारीख स अनशन पर बैशल छैथ भाई अनूप आ भैया मनोज।  मुदा बिहार सरकार बनल अछि बौक , बहीर। हम सभ मिथिलावाशी  एहि आन्दोलन में अपन भागीदारी कम स कम  एक दिनक सामूहिक उपवाश राखि द सकैत छी--जे जहाँ छी ओतै रहि उपवाश राखू जाहि स हिनका सभ के शक्ति भेटें। इ सामूहिक उपवाश २१ के राखल गेला।  पूरा मिथीला मिथिला राज्य निर्माण सेना के एहि अनशन में भागी बनता से आशा।  इ सूचना एस  एम एस के द्वारा अपन अपन लोक के दी आ एतेक त कम स कम हम सभ कए सकै छी। 
    जय मिथीला जय मैथिली जय मिरनिसे 

शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

हमारे नेताजी

                  हमारे  नेताजी
देश का लगाते बँटाधार
हमारे नेताजी
चलते कैसे कैसे चाल
हमारे नेताजी
पहले संसद में होती थी बहश
फिर शुरू हुई गाली गलौज
अब तो उड़ती "मिर्ची पाउडर " जी
ऐसे है हमारे नेताजी
चुनाव जब आता
रटी रटायी झूठी भाषण देते
कहते दूर करुँगा गरीबी
गरीबों के नाम पर बनते फण्ड
करते हजम हमारे नेताजी
गरीबी जैसी कि तैसी
जनता करती पुकार
सुनो सरकार
दो हमें रोजगार
नहीं चाहिए मुफ्त की रोटी जी
सुनो हमारे नेताजी
नफरतों की आग लगाते
भाई भाई में खूब लड़ाते
सेकते अपनी रोटी
हमारे नेताजी
अब जनता बनी होशियार
लाएगी सोराज
नहीं चलेगी अब आपकी नेतागिरीजी
सुनो हमारे नेताजी
   :
गणेश कुमार झा "बावरा "
       गुवाहाटी

बुधवार, 12 फ़रवरी 2014

FAGUA Ele

एलै बसंत चढलै रंग,
खिल उठल फुलवारी,
जुअनका सभक बाते छोड़ू,
बुढो सभके लगलैन रंग रभसक बिमारी..
जोगी जी सा रा रा ।
मित हमर दू मास सँ,
धेने छलाह विस्तर,
लइगते बसात बसंत के ,
भ गेला चरफर,
आ खेले लेल भौजी संग फागु,
ध लेला गामक गाड़ी झटपट..
जोगी जी सा रा रा ।
भैया हमर काटैत अहुरिआ , 
भेंट करबा लेल भौजी सँ,
कहै छलाह पहिल फागु ,
 खेलितौ सासुरे मे,
साइर सरहोजनी कनिञाँ संग..
जोगी जी सा रा रा । (बुरा नै मानब होली छै)

BANEBE MITHILA

सुनहो भैया सुनहो काका
चलहो अपन गाम हो,
सभ मिल जुइल बनेबै
अपन सुन्नर मिथिला धाम हो...
काहे के हम जेबै भैया
पंजाब बंगाल असाम हो,
सभ कुछ त हई अपने लंग
क लेबै जुगार हो...
जमीन हई पानी हई
हई शुद्द बसात,
ज्ञान के हई भंडार मिथिला
लगा लेबै उद्योग हो...
बिहारी बनि सुनबहोँ गाहिर
या मैथिल बनि बनबहोँ महान,
फैसला करहोँ हो भैया
आब न करहोँ वक्त नुकशान...
मिथिला राज्य निर्माण सेना
भड़ि रहल हुँकार हो,
अबहो काका अबहो भैया,
दहू मिरानिसे के संग हो..
सभ मिल जुइल बनेबै
अपन सुन्नर मिथिला धाम हो....
जय जय मिथिला जय जय मिरानिसे
 :गणेश कुमार झा "बावरा ":

रविवार, 9 फ़रवरी 2014

জয়   মিথিলা, জয় মৈথিলি 

CHALU MITHILA

घुइर चलू घुइर चलू मैथिल
अपन मिथिला देश
बाट जोहै छथि माए मिथिला,
आँचर मे लऽ स्नेहक सनेश।
उजइर पुजइर गेल छै ओकर
सभटा खेत पथार
गाम घर सभ भक्क पड़ल छै
डिबिया बाती नै जरै छै
देख ई दशा
माए मिथिला के फाटै छै कुहेश ।...
जाहि धरा पर बहैत अछि
सात सात धार
आई ओहि धरा के छाती अछि सुखाएल
खाए लेल काइन रहल अछि नेन्ना भुटका
माइर रहल छथि माए मिथिला चित्कार ।
देखू देखू हे मिथिलावाशी केहन आएल काल
देब भूमि तपोभूमि
आई बनल आतंकक अड्डा
जतऽ कहियो पशु पंछियोँ वाचैत छल शास्त्र
आई ओहि धरा सँ सुना रहल अछि बम बारुदक राग ।
हे मैथिल!
दोसरक नगरी रौशन केलौँ
छोइड़ अपन देश
आबो जँ नै आएब मिथिला
तऽ भऽ जाएत मिथिला डीह 
कुहैर कुहैर क कहैथ माए मिथिला ई..
चलू चलू यौ मैथिल अपन मिथिला देश
फेर सँ बनेबै ओहने मिथिला
देखतै देश विदेश..जय मिथिला
   :गणेश कुमार झा "बावरा":