रविवार, 28 दिसंबर 2014

Geet

गे छौड़ी पतरकी गोरकी
एना कनखी नहि मारै....
अपन नयनक बाण नहि चलाबै
तोहर नयनक बाण बड्ड कातील
क देत हमरा घायल गे
एना कनखी नहि मारै .....
तोहर यौवन चढ़ल बसन्तक
हमर यौवन माघक मारल 
देखि तोहर पुष्पित यौवन
भ जाएत मन आकुल गे
एना कनखी नहि मारै....

शुक्रवार, 19 दिसंबर 2014

हम तपैत दुपहरीयाक बटोही
आहाँक स्नेहक छाहैर मे
बैस किछु देर निहारब
आहाँक स्नेह आहाँक दुलार ।
हम बटोही छी
आहाँ चिर स्थिर वट वृक्ष
हमरा सन कतेको बटोही
आहाँक स्नेहक छाहैर मे
अपन तपल ह्रदय जुड़ेने हेता ।

jingi

जिनगीक पहेली बड्ड उलझल
जतेक सुलझेबाक चेष्टा करी
ओतेक उलैझ जाइत अछि...
बुइझ नहि पबैत छी
कत' चुक भ जाइत अछि...
कखनो शांत जिनगीक गति
कखनो अनायास
ज्वार भाटा आइब जाइत अछि....
सहज रहबाक चेष्टा
नहि कोनो अपेक्षा
तथापि कखनो क
जिनगी बोझ बुइझ परैया ।।।।।