गुरुवार, 30 जुलाई 2015

kavita...satkarm nahi kelau

मृत्युशैया पर पड़ल जिनगी
कुहैक कहि रहल अछि
मनुखक जिनगी भेटल
मुदा कोनो सत्कर्म नहि केलौं
जिनगी भरि कमेलौं खेलौं
समाज  लेल किछु नहि केलौं
मनुखक जिनगी व्यर्थ गमेलौं
इहो जिनगी कोनो जिनगी जिलौं
बिनु किछु पदचिन्ह छोड़ने जा रहलौं
एसगरे कानैत आएल रहि
एसगरे कानैत जा रहलौं
मुदा एखनो मोका अछि
समाज लेल किछु क' जेबाक
हम अपन देहक अंग दान करै छी
हम मनुख छलौ से प्रमान दैत छी ...

रविवार, 26 जुलाई 2015

votak bela

आइब गेलै आब वोटक बेला
देखू नेता घूमता घरे घरे सखीया...
पएर पकरता माथ झुकौता
बाबू भैया सबटा कहता
बड़का बड़का भाषण देता
आइब गेलै आब वोटक बेला
देखू नेता घूमता घरे घरे सखीया...
वोटक बेला कतेको बनत टोली
नेता सब खेलत खुनक होली
केयो एहि टोली केयो ओहि टोली
जाति बिरादरीक नाम पर
लगाओत नेता सब वोटक बोली
आइब गेलै आब वोटक बेला
देखू नेता घूमता घरे घरे सखीया...
सावधान भ' जाउ वोटर
मंगनीक गहुम चाउर मे नहि फँसू
वोट दिअ ओहि नेताके
जे रोजगारक करा' जोगार
आइब गेलै आब वोटक बेला
देखू नेता घूमता घरे घरे सखीया...