शुक्रवार, 7 नवंबर 2014

जाउ आब किछु नहि कहब
जँ आहाँ सदिखन हमर ह्रदय मे रहब ।
ताइक रहल चिन्मार यौ मैथिल 
बजा रहल दलान
पेटक खातिर छोइड़ गेलौं सभ
अपन खेत खरीहान !!!!!
जँ बेटी धन कमइतै
जँ बेटी बापे घर रहितै
त नहि लोक बहइबतै नोर
बेटी के जन्म पर !!!!!!