रविवार, 5 फ़रवरी 2012

KAVITA

किएक करै छी कुकुरालूझी


सब छी अपने नै किओ आन


अछि एकहि गाम एकहि ठाम

एकहि मकसद एकहि काम

सब छी अपने नै किओ आन


किएक करै छी छीटा-कसब

बिना बात होइछ अपमान

सब छी अपने नै किओ आन


छोडि ईर्ष्या- द्वेष -अहम् भाव के

आउ सब मिल सोचु

कोना होएत उन्नत मिथिलाधाम

सब छी अपने नै किओ आन


:ganesh kumar jha "bawra"
guwahati